भारत में संसदीय लोकतंत्र की मुश्किलें
(मीनू देवी)
संसदीय लोकतंत्रः हमारे भारत देश में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।1947 के बाद हमारा भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया, जिस कारण भारत की जनता को वोट देने व सही नेता का चुनाव करने का अधिकार मिला। लोकतंत्र का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिए, सरकार का गठन करने की अनुमति प्रदान करता है । लोकतंत्र सरकार की ही एक प्राणाली है।1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के बाद जनता को वोट देने काअधिकार प्राप्त हुआ। भारतीय लोकतंत्र अपने सभी नागरिकों को जाती, रंग, ढंग, लिंग और पद को नजरअंदाज करते हुए सही नेता का चयन करने की स्वतंत्रता प्रदान करती है।
लोकतांत्रिक सिद्धांत निम्न प्रकार है:- समाजवादी, संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य लोकतंत्र। किसी भी लोकतंत्र देश में चुनाव का बहुत बड़ा महत्व है। हमारे देश में सभी नागरिकों को U/A 326 में 18 वर्ष की उम्र में वोट डालने का अधिकार मिल जाता है, एक सफल लोकतंत्र के रूप में हमारा लोकतंत्र पूरे विश्व में विख्यात है।
भारतीय लोकतंत्र द्वारा सामना किए जाने वाली चुनौतियां
निरक्षरताःलोगों के निरक्षरता सबसे बड़ी चुनौतियांमेंसे एक है, जो कि भारतीय लोकतंत्र की शुरुआत के बाद हमेशा आमने सामने आती रही है। शिक्षा लोगो को बुद्धिमानी से वोट देने के अधिकार का उपयोग करने में सक्षम बनाती है।
गरीबीः गरीब और पिछड़े वर्गों के लोगों से आमतौर पर हमेशा ही राजनीतिक दलों द्वारा छेड़छाड़ की जाती है। राजनीतिक दल उनसे अक्सर वोट प्राप्त करने के लिए रिश्वत तथा अन्य प्रकार के प्रवचन (लालच) देते हैं। इसके अलावा जातिवाद,लिंगभेद,सांप्रदायिकता,धार्मिक, कट्टरवाद,राजनीतिक,हिंसा और भ्रष्टाचार जैसे कई अन्य कारक है, जो भारत में लोकतंत्र के लिए एक चुनौती बन गए हैं ।
निष्पक्ष व जिम्मेदार मीडियाः– लोकतंत्र के सामने मीडिया कई चुनौतियों में से एक है, क्योंकि मीडिया के द्वारा ही शब्दों का आदान प्रदान किया जाता है, जरूरी यह है कि खबरों का आदान-प्रदान सत्यतासेहोतारहे।
निष्पक्ष चुनावः– चुनाव में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। चुनाव सुरक्षित एवं निष्पक्ष कराने का प्रयास करना चाहिए। चुनाव में रिश्वत देकर वोट प्राप्त करने पर रोक लगाकर ही निष्पक्ष चुनाव करवाया जा सकता है। चुनाव आयोग को इस पर संभव प्रयास करना चाहिए कि चुनाव निष्पक्ष कराया जाए।
निष्कर्ष :- भारत के लोकतंत्र की दुनियाभर में काफी प्रशंसा की जाती है। देश के हर नागरिक को वोट देने का अधिकार उनके जाती, रंगपंथ, धर्म, लिंग या शिक्षा के आधार पर बिना किसी भेदभाव के दिया गया है। देश के विशाल सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाएं विविधता लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही आज के समय में लोगों के बीच का मतभेद एक गंभीर चिंता का कारण बन गया है। भारत में लोकतंत्र के सुचारूकार्यकोसुनिश्चित करने के लिए, हमें इन विभाजनकारी प्रवृत्तियों को रोकने की आवश्यकता है।
भारतीय लोकतंत्र में सुधार लाने के उपाय
हमारे भारत लोकतंत्र में सुधार की बहुत जरूरत है। इसके सुधार के लिए हमें कुछ कदम उठाना चाहिए-
लोगों की साक्षरता को बढ़ावा देना।
· लोगों को वोट देने के लिए बढ़ावा देना।
· गरीबी उन्मूलन
· लोगों को इस बात के लिए शिक्षित करना कि किसी प्रकार वे सभी उम्मीदवार चुने।
· शिक्षित और बुद्धिमान लोगों के नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए बढ़ावा देना।
· सांप्रदायिकता का उन्मूलन
· निष्पक्ष और जिम्मेदार मीडिया सुनिश्चित करना।
· निर्वाचित सदस्यों के कामकाज की निगरानी करना।
· लोकसभा तथा विधानसभा में जिम्मेदार विपक्ष का निर्माण।